मां👩👧👦
१. मां
मेरे जीवन की पहली सांस है -'मां',
क्या लिखूं हर शब्द है- 'मां',
मेरे भूख की पहली रोटी है-'मां',
मेरे चैन से सोने की बेचैनी है-'मां',
मेरे दिल की पहली मोहब्बत है-'मां',
मेरे आंखों की पहली चित्र है-'मां',
मेरी पहली सहेली-पहली मित्र हैं-'मां',
मेरे शब्दों के संसार की सूरज हैं-'मां',
मेरे लिए भीड़ जाए-रावण से भी ,
वो मेरी पहली परिचय है-'मां',
क्या लिखूं हर शब्द है-'मां',
उनके बिना जीवन-जीवन कहां !
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२. अंत
किस अंत से उदय होगा,
जो डूबा है सूर्य उसका सूर्योदय होगा;
अंत ही शुभारंभ है,
विश्व का गुरु मंत्र है,
विश्व का रूद्र रूप है,
अंत ही उदय है!...
३. इंसान
हर धड़कते दिल को है,
सांसे थमने तक जीने का अधिकार,
हर महल को है खंडहर होने तक चमकने का अधिकार,
मगर उससे पहले भी मैंने लोगों को मरते देखा है।
महलों को रंगहीन होते - देखा है,
मैंने अब तक वर्षा को बाढ़ भी बनते देखा है,
सूखे पत्तों को आगे बनते देखा है,
इंसानों को हैवान भी बनते देखा है,
मगर सुखद बात यह है कि;
आज भी इंसान रहते हैं,
महल आज भी ऱगीन हैं,
दिल आज भी धड़कता है!...❣️❣️❣️
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