मैं गांव की गली

 मैं गांव की गली


#main_gaon_ki_gali_hindi_poetry,#hindi poem, #poemsinhindi,

मैं गांव की संकरी गली- 

 वो शहर की चौड़ी सड़क - 

 कहां मिलाप होता हमारा - 

मैं कांटों-कंकड़ो- कच्ची मिट्टी - नंगों पैरों का आशिक - 

वो सैंडल - जूते - कारों की शौकीन, 

 मैं किसानों की पैरों की धूल -

 वो कारों की धुंआ - 

मिलाप मुश्किल है हमारा - 

 पर हमें यह मेहरबानी होती है - 

उनके रव्बों की दवा  -अक्सर हमारे गांव में होती है,

 वह आती है तो एक भीड़ सी होती है-

 गांव में अलग ही रौनक होती है - 

जब शहर कभी गांव आती है ,

 वह सजी-धजी - धन्नी- बड़े महल की रौनक है - 

उसके यहां मखमली सड़कें  - महॅंगी शराब - 

चमकीले अत्याधुनिक स्ट्रीट लाइट्स - 

 मैं उसको सजाने - सवारने वालों की कटें - फटे पैरों

 -‌ रूखे -सूखे-होठों की जगह हूं। 

 मैं कच्ची सड़क - 

वो शहर की अत्याधुनिक सड़क - 

मिलाप मुश्किल है -‌

 पर आश हम दोनों हैं एक - दूसरे की !‌‌. . . 🌺❤️🌺

   

1. राधे- श्याम होना, किस बात का प्रतीक है ? 👈❤️


2. आत्मीय राक्षस, नकरात्मक सोच से छूटकारा कैसे पाय?


3. खुद डुबो - खुद सिखों।

my new website please visit: 

www.forhindi.com

Comments