# रोटियां
# रोटियां
एक भट्टी में पनपती है - कई रोटियां,
उन रोटियों के लिए आग में जलती है -
कई ख्वाहिशें - सपने और कई उम्मीदें -
तब जाकर बनती हैं -
गर्मा-गर्म - ताजी-ताजी रोटियां ! .. .. ..
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अंदर-से-टूटे-हुए-है
अश्काब रूठे से है -
सपने भी टूट से हैं -
कैसे बताऊं कैसे जी रहे हैं -
ऊपर ही ऊपर से बस मुस्कुरा रहे हैं -
पर अंदर से पूरी राख की -
तरह बिखड़े पड़े हैं,
समेटे हुए बाहर से अच्छे -
बस एक मूर्ति बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। . . .
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1. घर लौटना बुरा कैसे हो गया ? 😒😢👈🤔
2. घड़ी टूटा है - वक्त नहीं 👈👆
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