मैयखाना
मैयखाना
मैयखाना तो यूँ हीं बदनाम है-साहब,
वर्ना तो मैयखाना गम भूलने की जगह होती है,
किसी की यादो को जाम में घोल के पिने -
तो किसी की आदत हटाने की दवा होती है -
पर गलती उन कद्रदानों की है -
जिनके लिए शराब एक नशा होती है -
शराब की गलती नहीं होती-
वो तो पिने वाले की नियत पर नशा या दवा होती है -
वर्ना तो शराब में शराब से ज्यादा पानी मिला के -
पिने वाले भी डूबे मिलते है -
मैयखाना और उसकी शीशी तो यूं ही बदनाम है - साहब -
वर्ना तो शराब कई मर्ज की दवा होती है -
ये पिनेवालों और पिलाने वालों की नियत है,
जो इसको बदनाम करके रखें हुए हैं ! . . .
my new website please visit:
Comments
Post a Comment