ना कोई पाप- ना कोई पुण्य है-
ना कोई पाप- ना कोई पुण्य है-
ना कोई पाप- ना कोई पुण्य है-
सब कुछ इस संसार में - बस कर्म की मर्म पर टिकी की घटना है,
ना कोई सत्य - ना कोई असत्य है-
बस कहने वाले की विश्वास और सुनने वाली कि दृढ़ता है,
इस संसार को कुछ नहीं बनना है-
सिर्फ रोज-रोज बनना और बिगड़ना है-,
ना कोई पाप अस्तित्व है - ना कोई पुण्य स्थित है,
यह सब हमारे कर्म का मर्म है:-
जो पाप-पुण्य, सत्य-असत्य निर्धारित करता है!🌺☃️🌺
माँ का इंतजार
दिनकर फूटा जैसे ही - वो चल देती है घर से,
निकलती है घर से-थोड़ी जल्दबाजी में घर से - ऑफिस को,
हम सो रहे होते अधिकतर-तब-तक वो तैयार हो जाती है,
सहीं से खुलती तक ना आंख हमारी -
तब-तक वह ऑफिस के लिए निकल जाती है -
कुछ सुना के जाती है- कुछ कि डांट के जाती है-
कहती है कि आके बताऊंगी:-
तेरे को,
डंडों से पिटूंगी - जल्दी क्यों नहीं उठता- रातभर क्यों जगा रहता है,
पता होता है - पड़ेगो दो-चार मां के आने पर-
पर फिर- माँ का आने का इंतजार बड़ा बेसब्री से होता है,
वक्त नहीं गुजरता जल्दी से-तो वक्त से आँख मिचोली खेलता हूं,
सो जाता हूँ कुछ देर - उस बींच माँ का फोन आ-जाता है,
उठाता नहीं हूं तो - तो उन को पता चल जाता है,
वो आते ही- दो-चार लगाती है- बोलती है मैंने तुझे मना किया था ना-
दिन में सोने को - जागा रात को तो बताऊँगी-
पता होता लगेंगो दो-चार - पर माँ का इंतजार बेसब्री से होता है,
जितना राम के आने का शबरी को था - शायद उतना होता है,
माँ का इंतजार हमेशा-बेसब्री से होता है। ...🙂💐☃️🙂💐☃️
दिल की समस्याएं कभी कम नहीं होती -
मुझे इश्क नहीं हुआ कभी यह हकीकत है -
पर कुछ कल्पित चेहरे मेरे भीतर है -
क्योंकि कल्पनों के बिना जीना - ठीक वैसे ही है,
जैसे जमीन पर रहकर -
आसमान को छूने की कभी उम्मीद ना करना!😘😚😘
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