अकेले चल पड़ा हूं:-
अकेले चल पड़ा हूं:-
तारे - न सूरज -ना चांद साथ है ,
अकेला चल पड़ा हूं - एक नए सफर पर -
एक नई मंजिल की तलाश में -
एक नई सड़क - एक नय मोड़ पर -
मेरे साथ में👉मैं- मेरा बस्ता और कुछ यादें हैं-
शहर अंजाना है - सड़क अंजानी है -
मंजिल का बस एक धुंधला-सा चेहरा देखा है-
पग-पग आगे क्या होगा -
इस बात से अनजान हूं - साथ में प्रार्थना है- मेरी;
बस इतना जानता हूं ,
सफर में आगे क्या होगा - यह मुझे नहीं पता,
पर मुझे सफर तय करना है-
उस ओर क्या है? 🤔
यह मुझे जानना है ।
है छोटी सी- गम- मगर चांद-सूरज-तारों का मेरे संग ना होने का,
मगर गम कोई बड़ी बात नहीं-
नहीं चांद-न सूरज-ना तारे तो क्या- पूरा आसमां है - मेरे साथ,
नई मोड़ मुझसे मिलना चाहती है:- 👇
मैं चलूंगा - मैं सफर तय करूंगा ,
जब तक पाना - लूं वह मंजिल -
मैं तब तक नहीं रूकुंगा,
देखता हूं ,कब तक- सूरज-चांद-सितारे
मेरा मार्ग प्रशस्त नहीं करते-
मगर मैं तब तक नहीं करूंगा जब तक पालनु मंजिल को!
..... वरूण
👉 अपने होते नहीं है - बल्कि बनाया जाते हैं 👈🙂
वक्त के इंतजार में
समय का तागा पकड़े-बैठा था मैं -
जीने के इंतजार में,
आज-कल और परसों की आश में-
वक्त था-पहले भी था - इसी सोच में-
मैं बैठा रहा जीने के इंतजार में-
पर सदियां बीत गई -
इंतजार आज तक खत्म नहीं हुआ!
हुआ तो बस यही की इंतजार के नाम पर -
वक्त और जिंदगी,
जीने की इंतजार में ढल गई,
पर कभी जी-ना पाया मैं सुकून से,
🙂सुकून के इंतजार में,
ताउम्र बेचैन रहा मैं-मेरी जिंदगी और वक्त ,
उस वक्त की तलाश में- जब लाश बना -
तलाश खत्म हुआ - तब जिंदगी और वक्त -
मुझ पर हंसती हुई कहीं की -
ऐ ! पागल जिंदगी में जीना होता है -
जीने का इंतजार नहीं करना होता!
वक्त के इंतजार में- वक्त था ढल गया!
मैं जीते-जी तो मरा था - मर के बस दफन हो गया!
......जीना_जिंदगी_है_इंतजार_नही ! ...🌺🌺🌺
☝️👋 मेरी खुशियां मेरा इंतजार कर रही है 🚶♀️🚶♂️🙂
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