तुम मोहब्बत को ताजमहल कहते हो-

दिल की समस्याएं💔


दिल की समस्याएं कभी कम नहीं होती


मुझे इश्क नहीं हुआ कभी यह हकीकत है


पर कुछ कल्पित चेहरे मेरे भीतर है क्योंकि इन कल्पनाओं के बिना जीना


ठीक वैसे ही है जैसे जमीं पर रहकर


आसमान को ना छूने की कभी उम्मीद ना करना !.....


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❤️तुम मोहब्बत को ताजमहल कहते हो-

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तुम मोहब्बत को ताजमहल कहते हो-
 मैंने मोहब्बत मांझी की सड़क में इंतजार करते पाया है-
 संगमरमर की खूबसूरती नहीं है -
उसमें ना ही कोई राजा का पैसा -
पर फिर भी कुछ खास है उसमें - 
जो ताजमहल फीका पड़ जाता है उसके सामने
 तुमने सेवन वंडर्स में ताजमहल को शामिल कर दिया ,
पर मोहब्बत की गली मांझी की है- 
 ऐसा प्यार जो मरने के बाद देखने लायक नहीं सिर्फ- 
बल्कि उनके दो दिलों के सफर में - 
सफर कर सकते हो - 
ऐसी मोहब्बत की मिसाल है मांझी द माउंटेन मैन या एक गरीब कि इश्क की इबादत।
 तुम मोहब्बत को ताजमहल कहते हो मैंने मोहब्बत की चिट्ठियां- सपने -उम्मीदें- चाहते - दर्द- तपिश-याद और तड़पन मांझी की सड़क में देखा है !❣️😘❤️😚🌺

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जिंदगी किसी तवायफ से कम नहीं कीमत पूरी चुकता करती है पर सुकून कुछ पल का ही देती है!

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मैं कल भी अकेला था-आज भी अकेला हूं🥀


मुझे इश्क नहीं हुआ कभी यह -‌
                       हकीकत है,
पर तुम्हारी बात कुछ और है-
मैं किसी लड़की के बारे में नहीं सोचा कभी-
बचपन की बात कुछ और है-
 पर जो तुम हो ना जाने क्यों हो?
हो - तो फिर मेरे पास क्यों नहीं,
 पर फिर सोचता हूं कि - मुझे तो तुमसे भी इश्क नहीं-
 फिर तुम मेरे पास क्यों हो-
 जब बात पूरी होती है - 
ख्वाब टूटे तो बात हकीकत से होती है।
 तब समझ में आता है -
 यह तो बस मेरी परिकल्पना का हिस्सा है- 
मैं कल भी अकेला था-आज भी अकेला हूं-
 बस ना जाने किसकी तलाश में-
 मैं चांद की तरह आंवारा-अकेला हूं-
 सितारे लाखों है- रोशन-गमगीन-
 पर ना जाने फिर भी, किसकी तलाश में-
मैं अकेला हूं-
 मैं कल भी अकेला था - आज भी अकेला हूं-
 तुम तो बस मेरे जलते दिए का वो तिलिस्म हो-
 जो मुझे जलाने के लिए जरूरी है-
 वर्ना तो मैं कल भी अकेला था - और आज भी अकेला हूं ! 🥀❤️🥀

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