वक्त का दरिया है ये

वक्त का दरिया है ये 

वक्त का दरिया है-यह,

 बह सब जाते हैं - इसमें,

 रुकता कोई नहीं - डूब सब जाते हैं इसमें,

 वक्त का दरिया है - यह,

 सैलाबों-सा उठता - गिरता - चढ़ता है -

 पर रुकता कभी नहीं - सिर्फ बहते जाता है - 

भूत-वर्तमान-भविष्य सब इसके जीवात्मा है,

 यह किसी का नहीं- पर - सब की उम्मीद  इसी पर है - 

 यह इकलौती ऐसी दरिया है - जो कभी सूखती ही नहीं- 

 भले ही सूख जाते हैं,

 इसमें वर्तमान-भूत और भविष्य - पर कभी निर्जल नहीं होता यह, 

 सदैव भरा रहता है :- अनुपम - विराट - रहस्यमय -सा,

 सदैव गतिमान रहता है - इसकी लहरों को वही तैर सकता -‌

 है जो चलता रहता है स्थिर बस्तियां तो - ये यूं ही:- 

अपने भूख के लिए खा जाती है- 

 वक्त का दरिया है यह- रुकता कोई नहीं - 

लगता है कि अभी वक्त बहुत है -‌ 

 पर सच में होता नहीं,

 वक्त का दरिया है-यह :-‌

मुनासिब सफर है इसमें भले - पर रुकना नहीं! . . .

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मैंने देखा है: शहरी भीड़ को 

मैंने देखा है शहरी भीड़ को - जो इतना अकेला है कि,

लोगों के होते हुए भी - अपने घाव को खुद ही पोछता है, 

मैंने देखा है:- 👇

 गांव की एकांत को भी - जो इतना मिलनसार है कि ,

अजनबी भी बड़ा करीब लगता है औरों -के,

 मैंने देखा है शहर की चंचलता को - 

जो इतना पिछड़ा है भागते हुए भी, 

 कि दो पल की रोटी भी नहीं खा पाता है - सुकून से,

 मैंने देखा है गांव के पिछड़ेपन को जो -

 इतना तेज है कि समय निकाल ही लेता है - 

 अपनों के संग मुस्कुराने के लिए , 

मैंने देखा है शहर के ग्लैमर को  जो इतना फिका है कि :- 

आपने ही बचना चाहते हैं - अपनों से,

 मैंने देखा है गांव के फिकेपन को-भी - जो इतना ग्लैमरस है कि 

 जितने रिश्तेदार आ-जाए ख़ुशी कम ही पड़ जाती है:

 बांटने-को 🙂😆😀😃😄😁

 मैंने देखा है शहर को गांव को चिढ़ाते 

और गांव के बदले में शहर बनाते! 

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1.वादा :- आखिर तोड़ा किसने और गद्दार कौन 👈🤔



2. आखिर ये लाखों लोग मरना क्यों चाहते हैं 👈🤔



3. पता - लापता होने के बाद वो कैसे हुआ जनाब 👈🤔

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