मुझे करनी है - तुमसे बातें -
मुझे करनी है- तुमसे बातें -
मुझे करनी है - तुमसे बातें -
तुम्हारी-मेरी-हमारी बातें-
तुम्हारे साथ मुझे गुजारने है - कुछ पल -
अपलक से-आनंदित हर पल -
मुझे करनी है - तुमसे बातें -
उस पेड़ तले - तेरे जुल्फों के छायों में बैठकर -
तेरे होठों से निकले लफ्जों को -
मुझे चूमने है - अपने कानों से;
तुम्हारी हाथों को अपने हाथों में लेकर -
हार जाना है मुझे - तुम पर- तुम में - तुम्हारे लिए-खुद को,
मुझे करनी है तुमसे बातें-
तुम्हारी-मेरी-हमारी बातें-
मुझे करनी है सिर्फ और सिर्फ तुमसे बातें,
और कुछ नहीं चाहिए मुझे -
तेरे सिवा -
रवाब भी तू-दवा भी तू-और दुआ में भी तू-
मुझे चाहिए सिर्फ तू-ही-तू और कुछ नहीं -
सिवा तेरे - और कुछ नहीं !
मुझे करनी है - तुमसे बातें -
बातों में तुम - साथ में तुम और कुछ नहीं चाहिए मुझे -
मुझे करनी है - तुमसे बातें -
तुम्हारी- मेरी-हमारी बातें ! .. .. ..
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1.खिड़की:- समाज कि सीमा क्यों?👈🤔
हर इजहार प्रेम नहीं होता -
हर चुप्पी - नजरअंदाज नहीं होती -
इश्क का एक सबूत -
मीरा की प्रतीक्षा भी है -
और इजहार का एक सबूत - गोपियों का भी,
दुआ किसकी कबूल हुई - ये सब जानते हैं,
हर इजहार - प्रेम नहीं होता
और इंतजार सबकी बस की बात नहीं होती -
इसलिए अक्सर ज़माने में प्रेम सफल नहीं होता ! .. .. ..
2. Hindi moral values stories in hindi 👈❤️
4. दौड़ दोनों कि-पर सबसे ज्यादा दुखी पहले वाला ही क्यों? 👈🤔
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