होली

 ‌                          हो-ली

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ये सिर्फ रंगों की बात नहीं -

ये सिर्फ अबीर और गुलाल नहीं- 

यह सिर्फ हिंदू त्यौहार नहीं- 

यह सिर्फ भाईचारे का प्रतीक नहीं-‌

यह गंगा जल का प्रतीक है- 

यह सिर्फ तेरा और मेरा त्यौहार नहीं - 

ये सिर्फ रंगों की बात नहीं - 

ना ही बात है पकवानों की- सिर्फ,

 यह होली है- 

 होली- 

 यह सिर्फ रंगों की बात नहीं,

 यह जज्बातों की बात है- 

यह अपनों की संगत की सौगात है- 

आपसी भेदभाव मिटाने वाले- 

यह खुशियों का त्योहार है- 

 गालों पर मलते गुलालों और अबीरों- 

कि ओंट में यह अपनेपन का पहरेदार है- 

ये सिर्फ रंगों की बात नहीं- ये सिर्फ अबीर और गुलाल नहीं-

होली है- 

 होली- 

यह सिर्फ हिंदू त्यौहार नहीं- हिंदुस्तानियों का त्यौहार है,

शर्मा को-वर्मा से- गांधी को-नेहरू से- छोटे मियां को-बड़े मियां-से

मिलाने का त्योहार है-यह सिर्फ रंगों की बात नहीं- 

यह अपनों की पहचान है- 

मलते हैं हाथ जब- जबरन गालों  पर- 

लाल-पीला होने वाला नहीं- 

यह अपनों का त्यौहार है- सच्चे दोस्तों की दोस्ती-यारों की यारी- 

सरकार की बगावत और मेहमान की मेहमान नवाजी का त्योहार है-  

उड़ते रंगों में यह- खुशियों का त्यौहार है -  

बटती पकवानों में यह खिलखिलाते चेहरे की मुस्कान का त्योहार है-

यह सिर्फ रंग और गुलाल नहीं- 

भेदभाव मिटाने वाले-यह गंगा जल का त्यौहार है,

यह सिर्फ रंग और गुलाल- नहीं, मोहब्बत का प्रतीक है,

आज के जमाने में जहां भाई-भाई का नहीं,

वहां- यह दूर के रिश्ते में- दूर रहते चाचा को भी 

जबरन रंग लगाने का त्यौहार है-

यह सिर्फ रंग और गुलाल नहीं - 

मोहब्बत का तोहफा है- कुछ और नहीं; 

यह सिर्फ रंग और गुलालों का त्योहार नहीं-‌ 

अपनों के रंग में हर‌ रंग भूल - डूब जाने का त्योहार है !...

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हिंदी कहानी 👈❤️


हिंदी कविता


कुछ पापी यार मिले -

 तब होली का त्यौहार मने- 

जब जबरन गुलाल मले- 

 तब होली का रंग चढ़े- 

 जब दो अनजान गले मिले,

 तब होली का त्यौहार मने,

क्या छोटा-क्या बड़ा

क्या गांव-क्या शहर जब शर्म को बगले रख कर- 

लोग खिलखिलाय गले मिलकर-

 तब होली का रंग चढ़े- जब कुछ पापी यार मिले-

 तब होली का त्यौकुछ पापी यार मिले -

 तब होली का त्यौहार मने- 

जब जबरन गुलाल मले- 

 तब होली का रंग चढ़े- 

 जब दो अनजान गले मिले,

 तब होली का त्यौहार मने,

क्या छोटा-क्या बड़ा

क्या गांव-क्या शहर जब शर्म को बगले रख कर- 

लोग खिलखिलाय गले मिलकर-

 तब होली का रंग चढ़े- जब कुछ पापी यार मिले-

 तब होली का त्यौहार मने !..








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