युद्ध

          ‌‌‌        युद्ध

युद्ध, हिंदी_कविता_युध्द_पर,#हिंदी,#शायरी,#उरदू

@ राधा_कृष्ण:- हिंदी कहानी ❤️😘

होता है युद्ध हथियारों के दम पर,

मर जाती है खुशियां-इंसानों की- 

हथियारों के हाथों-

टकराती है सेनाएं- मगर मर जाते हैं,

उसमें किसी का पापा-किसी के घर की छत तो- 

किसी का सहारा,

होता है युद्ध- युद्धपोतों से- 

मगर पता नहीं राख बस्ती कैसे हो जाती है उसमें?

लगते हैं निशाने बॉर्डरों पर- पर ना जाने किसी का घर कैसे-

जल जाता है- फल देने वाली जमीन बंजर कैसे बन जाती है,

होता तो युद्ध है सेनाओं में-

मगर जब शांत होता है-

तब-तक कईयों के घर बर्बाद हो चुके होते हैं-

कई बच्चा अनाथ और कई औरतें विधवा हो चुकी होती है,

होता है युद्ध तोपखानों- युद्धपोतों- जहाजों-जेटस से-

मगर मर जाती है-उसकी ओट में-

उम्मीदें- सपने-अनुगूंजे- ना जाने कैसे?

फिर दुआ मांगती है इंसा की युद्ध ना हो दोबारा- फिर कभी,

पर होता है युद्ध-फिर से किसी के घमंड किसी के अदब के कारण,

और जमीन के कारण- बनी बनाई बस्ती राख हो जाती है-

 युद्ध पोतों के दम पर,

 पर शिकार खुशियां हो जाती है इंसानों की,

घर तबाह, हो जाती है बेजुबानों की!.....

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                      तेरा-नाम

महक उठती है- हर वह सोच-
जिसमें शामिल तुम्हारा नाम हो जाता है,
(मोहब्बत)बदनाम गली भी - खुशनुमा हो जाती है-
जब तुम्हारा नाम- उस गली से जुड़ता है,
नास्तिक फकीर हो जाता है-जब उसको दीदार तुम्हारा होता है,
महक उठती है- हर वह चीज,
जिसमें गुलशन तुम्हारे नाम की शामिल हो जाती है,
हर काफिला नयाब हो जाता है-मुश्किल भी सरल हो जाता है-
जब तुम्हारा दीदार हो जाता।
सोमवार को भी जाना -बड़ा अच्छा लगता है,
जब तुम्हारे नाम से हम तैयार होते हैं-तैयार होना भी बड़ा अच्छा लगता है,
सोमवार भी बड़ा अच्छा लगता है,
जिसमें नाम तुम्हारा शामिल हो जाए ,
वह दिन त्योहार हो जाता है-
बदनाम गली में भी खुशी-खुशी बदनाम हो जाने को-
लोग तैयार हो जाते है-
जब तुम्हारा नाम उन महबूबाओ में जुड़ता है,
महक उठती है हर‌ वो फिजा-
जिसमें शामिल तुम हो जाती हो ! . . .
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                       वो- चिड़ियां


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वह चिड़िया फिर चुप हो गई ना-
मधुर विद्रोह कुछ पल बोकर-
वो चिरइ कहीं खो गई ना-
और चिड़िया फिर चुप हो गई ना-
बेरंग-सी दुनिया में, कुछ पल रंग भर वह उस डाल से उड़ गई ना,
जला हृदय में अग्नि वह फिर चुप हो गई ना-
शांत वातावरण में, अपनी शांत विद्रोह बो,
वो चुपके से- सबसे छूपके फिर चुप हो गई ना-
वह चिड़िया फिर चुप हो गई ना- चुपके-से  सबसे छूपके-
अपनी गीत वो हमको दे गई ना-
वो चिड़िया फिर चुप हो गई ना! . . .


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