ईश्क:-‌कविताए दे दर्द

 

Love_poetry_in_hindi

रोना पड़ेगा . . .😭

सोच लो-रोना पड़ेगा,

 ईश्क आसान नहीं,

बहुत कुछ खोना पड़ेगा,

और जब आदत पड़ जाएगी,

तो तड़पना पड़ेगा,

 सोच लो रोना पड़ेगा,

यह इश्क की गलियां- 

बहुत घुमावदार है,

जिसे चाहते हो उससे-

मिलकर बिछड़ना पड़ेगा,

 सोच लो रोना पड़ेगा।

 ईश्क असान नहीं,

 सबकुछ खोने के बाद,

 मुझको भी खोना पड़ेगा,

 सोच लो रोना पड़ेगा।

 रोना पड़ेगा।

 ईश्क आसान नहीं,

 पाने के बाद खोना पड़ेगा,

 सोच लो रोना पड़ेगा !...❣️❣️❣️


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वो स्कूल का किस्सा ...❣️❣️❣️

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मोहब्बत थी या नहीं,यह तो पक्का नहीं है मुझको,

मगर एक बात सच है मैं:-

भूल ना पाऊंगा उनको,

उनका वह छुप-छुप के देखना है,

जब वह ना देखे तो मेरा उनको देखना,

वो चुप होंठ होते हुए भी,

आंखों से कई सवाल करना,

कैसे भूल जाऊं मैं वह स्कूल का किस्सा!

मोहब्बत थी या नहीं यह तो पता नहीं मुझको,

मगर दोस्ती भी ना थी यह पक्का पता है मुझको,

ऐसा नहीं कि वह किसी से बात नहीं करती थी,

मगर मुझसे बात करने का कोई ना कोई बहाना जरूर ढूंढती थी,

मेरे चुप रहने पर वो सवाल करती थी,

मेरी तो ना थी, 

मगर फिर भी बड़ा करीब थी;

उनका वह आंखों से सवाल करना,

उन किताबों की अदला-बदली,

कैसे भूल जाऊं मैं अपनी पहली ना दोस्ती- ना मोहब्बत का‌ किस्सा,

वो उनका शर्माना , उस पर से मुस्कुराना,

पढ़ते वक्त बोर्ड से ज्यादा हमारी तरफ देखना,

कैसे भूल जाऊं मैं,

उनका हमें देखकर पहले शर्माना,

उसके बाद मुस्कुराना, होठों से ज्यादा आंखों से बात करना,

इतना होते हुए भी इश्क का इजहार न करना,

कैसे भूल जाऊं मैं वह ना चाहते हुए भी उनके कारण स्कूल जाना,

उनके गलियों से बेवजह वजह बनाकर गुजरना,

कैसे भूल जाऊं मैं वो दोस्ती ना मोहब्बत का किस्सा!...

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