फिर लौट चले क्या कविता कि ओर:-

हिंदी कविता


Mindfulness exercise
 

     इंतजार  

वक्त की बाट जोहते-जोहते,

आज भी इंतजार करते है-लोग,

किसी अपने का लौट आने का,

कौन कहता है प्यार सच्चा नही;



एक बार सच्चे लोगो से मोहब्बत का 

-रिश्ता निभाकर के तो देखो,

लोग घंटो बेचैनी मे,

अपने सवालो के उधेड़बुन मे,

नजरो को सड़क पर किए,

खड़े रहते है किसी अपने के इंतजार मे,

किसी बस के लौट आने का,

किसी ट्रेन का उनकी स्टेशन पर रूक जाने का,

आज भी पलके बिछी रहती है,

किसी अपने को लौटते-देखने के लिए !...

                                   ***

      मेहनत  

मेहनत कर ऐ नर;

मेहनत बेकार नही जाती,

खाली हाथ लौटते लोग,

मगर हाथ सच मे खाली नही होती है,

जो तकदीर मे ना हो,

वो मेहनत से मिल जाती है,

खुदा उसी का साथ देता है,

जो बंदा खुद के साथ खड़ा होता है,

वहाँ पहाड़ भी झुक जाता है,

जहाँ माँझी मेहनत करता है,

मेहनत कर ऐ-नर!

मेहनत बेकार नही जाती,

कुछ ना मिले तब-भी शरीर बलवान हो जाता है,

मेहनत कर ऐ-नर!

मेहनत बेकार नही जाती !

मेहनत

चापलूसी का घड़ा


Comments

Popular posts from this blog

SHAHEED-E-AZAM

Ae- Watan-Mere