कोशिश
कोशिश है, तो उम्मीद है,
आसमान है, तो सूर्य है,
फिर क्या है-जो तेरे बस मे नही है,
अरे! जो बस मे नही है,
उससे मत उलझ;
कोशिश कर और वर्तमान को बदल डाल,
चल-उठ! और मेहनत कर,
अपने हाथो-अपना तकदीर गढ़,
बाकि सब उसके भरोसे छोड़-दे,
तु नर है-इस बात को अपने दिल मे गढ़ ले,
कोई काम असंभव नही,
जो नर ठाने और हो सकता नही;
ऐसा कोई काम बना नही,
मेहनत से क्या है-जो ठना नही,
जिसने विश्वास किया; वो माना तड़पता है,
मगर जो कोशिश ना करे,
वो तो पछताके मरता है!
तुझे कैसे जीना है-तु खुद समझ ले,
या तो टक्करा के टूट-
या फिर वैसे ही तु बिखड़-जा,
जिंदा है जिंदगी का सबूत दे,
मुर्दा की तरह मत अकड़,
चल उठ, और शुरूआत कर,
तु भी है-नर,
ना मन को निराश कर,
चल टक्करा लहरो से,
क्या हुआ किश्तिया जो पलट जायेगी,
मगर तुने कोशिश तो कि,
यह भावना तो तुझे-ऊपर उठायेगी,
बाकि नरो-से तो ऊपर उठायेगी!...वरूण
वक्त बदल जाता है-वकत के साथ,
मगर याद वही आते है,
जो अपना वक्त बदलने का हुनर रखते है!...
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