कुछ पंक्तिया यूँ है कि:-

 करता कुछ की कोशिश हूँ,

   हो जाता है कुछ और,

बस यही मसला है जिंदगी का,

ख्वाहिश जिसकी होती है वो-

वो ख्वाहिश बनकर ही रह जाती है,

मगर अंत मे कुछ ठोकरे हाथ आती है।

जो सारी उम्र याद रह जाती है!                   

                                          

                                      ***

                                    बारिश

मौसम माघ और सावन का,

बादलो की रिमझिम का,

पकौडो की खूशबू और तेलो में 

तलते झन्न-झन्नाते पकौडो का,

तो वही बारिश मे भीगते,

कीचड़ से बचते,

कूदते-फाँगते भीगने से बचते,

तो वही कुछ को बारिश मे रमते,

पानी मे छपाक मारते,

लोगो को देखने का,

मौसम माघ और सावन का,

मिट्टी की तडपन बुझाने का,

हरियली की छटा बढाने का,

मौसम माघ और सावन का,

दिल को ठंडक और 

याद दिलाने का।

मौसम रिमझिम-रीमझीम बरसती बारिश का।

                                       ***

आग सीने मे लगा हो तो इतिहास बदल दोगो,

          मगर दिल लगाओ गो तितलियो से तो,

              खुद इतिहास बन जाओगो!...वरूण 


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