शेरो-शायरियाँ
रागिनी घोर अंधेरे मे कब-तक टिकी रहेगी,
जब सूर्य उदय होगा,तो कोना ढूंढते फिरेगी।...
मेरी बात अब उन्हे गडने लगी है,
जो प ले ना बोलने पर मेरे मनाने लगते थे।...😡😡
परिंदे बहुत है मगर बाज सिर्फ एक है,
रिश्ते बहुत है मगर माँ-बाप सिर्फ एक है,
यह दुनियाँ है जनाब यहाँ भीड़ बहुत है,
मगर हम सिर्फ एक है।...🌺🌺🌺
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