वक्त
वक्त
वक्त के पाबंदी थे बापू,
वक्त पाकर ही है-जन्मे हम इस धरती पर,
वक्त नही तो कुछ भी नही,
वक्त बिना सफलता नही,
वक्त की कद्र कर ऐ-इंसा,
आज है तो शायद कल नही,
अभी है लेकिन अगले पल नही,
यह हमेशा याद रख, हो सके तो गाढ बांध,
जो वक्त की कद्र नही करता,
वक्त उसकी कद्र नही करता,
जो मेहनत से है डरता-
वो कभी सफल नही हो पाता,
और जो वक्त पर मेहनत ना करता,
वक्त फिर हमेशा मेहनत करवाता है उससे,
लाठी पकड़ नचवाता है,
जो वक्त की कद्र नही करता,
वो कही जगह नही है पाता।...वरूण
नदिया मिलके समुद्र बनाती है,
छोटी-छोटी कोशिशे मिलके आग लगाती है।
वक्त की वक्त पर कद्र किया कर,
तब जाकर कही वक्त तुझे तेरा वक्त देगा।
शरीर यूँ ही नही बनते एक वक्त की कोशिश से, 💪
सौ-रोज जीम जाना पड़ता है,तब जाकर कही शरीर बनता💪 है।...वरूण
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