फूल

 


एक छोटे -से बगीचे मे,बहुत से फूल लगो पड़े थे। उसमे हर प्रकार फूल देखने को मिल जाते थे।वह बगीचा छोटे होने के बावजूद बहुत प्रसिद्घ था। उसके फूलो की वजह से।उसमे तरह-तरह के रंग-बिरंगो फूूल थे।जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती।ऐस कोई नही था,जो वहा से गुजरे और उसकी तरफ आकर्षित ना हो।उसकी हर कोना खूूूूशबू से भड़ी पडी थी ।वहाँ की हवा मे ही खूशबू की एहसास थी।मगर वहाँ पर बहुत फूल थे,इसलिए वहाँ का जो माली था;वो लोगो को कुुछ नही कहता था,जो वहाँ आते और फूूल तोड़-तोड़ कर  ले जाते।कभी कोई बच्चा आ जाता तो वह पूूूरे बगीचे मे ही फूूूलो की टहनिया तोड़ता,पंखूरियााँ बिखेड़ता तो कोई पत्तियों के साथ खेलता था।मगर वो माली इसलिए कुछ नही कहता क्योकि वहाँ बहुत फूल थे।यह कार्यक्रम ऐसा ही चलता रहा और आज वहाँ सिर्फ टहनियां बची है।जो यह आश तो जगाय हुए है कि फूल तो होगो।मगर अभी वहाँ पर फूल नही है।वो माली है मगर पछता रहा है।टहनिया है मगर खूशबू नही।लोग आते है मगर उसकी तरफ एक टूक देखते भी नही।क्यो?क्योंकि फूल नही है।अब वहाँ की हवा मे एहसास नही है।क्योंकि अब फूूल नही सिर्फ टहनियां है।......

...यही हमारी दुनिया है,जो मानते तो है कि महिलाए जरूरी है,मगर वो वही माली की भूमिका निभा रहे है।तो कभी वो खुद बच्चे बन जा रहे है। क्योंकि अभी-भी फूल है जो हमारी दुनिया को महका रहे है,
मगर कद्र नही है!....




If you want to make the world beautiful make your home beautiful. And for that you have to keep your women's happy. 

Women's are the root of the world's
happiness..




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