भारत

India

है गुमान मेरा चरित्र पर चढ़कर बोल रहा,हिन्दु है हम-हिन्दु है हम,यह चीख-चीखकर बोल रहा,मर्यादा का राम है-गुमान मेरा,मुरलीधर कान्हा है चंचलता मेरी,तो सुदर्शन चक्र धारी है हिम्मत मेरी- हिम्मत मेरी,है गुमान मेरा चरित्र पर भरकर उछल रहा,हिन्दु है हम-हिन्दु है हम,

यह चीख-चीखकर बोल रहा,हल्दीघाटी का अभिमान मेरे रक्त मे खौल रहा,पृथ्वीराज का गौरव मेरे दिल मे धधक रहा,शिवाजी की तलवार आज भी चमक रहा,है गुमान मेरे भारत पर यह सर्वप्रिय प्राण मेरा,है गुमान मेरा चरित्र पर चढकर बोल रहा,हिन्दु हूँ मै-हिन्दु हूं मै,यह चीख-चीखकर बोल रहा।

काली की अवतारी-लक्ष्मीबाई की सवारी,है गौरवान्वित करती मुझे शम्मभा जी की बलीदानी,मेरे भारत मे है जन्मे वीर-से-वीर सिपाही।

है गुमान मेरे चरित्र पर चढकर बोल रहा,

कौटिल्य की नीति है आज भी करती मुझे गौरवान्वित;आर्यावर्त का शून्य है चन्द्र सा-चमक रहा,है गुमान मेरे चरित्र पर चढकर बोल रहा,मीना बाजार की अनुगूंजे है रोम-रोम मे व्याप्त मेरे,अकबर को थरा देने वाली वीर स्त्री का रौद्र रूप मेरे,है गुमान मेरे चरित्र पर चढकर बोल रहा,हिन्दु होने पर गर्व मुझे ,यह मेरा रोम-रोम बोल रहा।

                    जय हिंद-जय भारत।

          अमर रहे तेरी ज्योति सदा,


     हे मेरे!पुण्यभूमि भारत।....वरूण 



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