रण
रण है अगर आखिरी उम्मीद ,तो रण ही ठीक है,
अन्याय बहुत सही-ली,अब रण ही ठीक है,
हाथो में तलवारे होंगी और तलवार पर रक्त,
रक्त की प्यास है-तो रक्त ही ठीक है।
अगर अहिंसा कमजोरी है,तो हिंसा ही
ठीक है। रण है अगर आखिरी उपाय तो
रण ही ठीक है,
अगर हमारी मेहमान-नवाजी है कमजोरी,
तो रण ही ठीक है,
लहरों से टकराने के लिए हमारी -नाव भी तैयार है,
अगर युध्द है-आखिरी औचित्य,तो युध्द ही ठीक है।
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रण की चाह हमारी भी नहीं,
मगर रण की है चाह तो रण ही
सही!
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