हम चोर नहीं है। 🤥🤥

 एक माँ, उसकी दो बेटियां और पिता शराबी था।खुल के खर्चा करता , पर रूम किराया वक्त पर नही दे पाता था।

रोज नही पर हफ़्ते में एक बार जरूर लडाई होतीं थी।
बेटियां छोटी थी ,पर पली माँ के आंचल में ही थी।माँ के गुण थे,बेटियों मे भी ।जैसे झूठ बोलती , चोरी करती ,पर कभी-किसी को शक नहीं होने देतीं थी।और रिश्ते ऐसे बनाती , कि जैसे वो गन्ना और हम गुड़ हो।ऐसी दोस्ती उसकी हर घर से नही,पर अधिकतरो से थी।और जब हम लोग आय यहाँ पर कमरा लेने,तब भी ऐसा ही हुआ। देखते-ही-देखते वो हमारी दोस्त बन गई। और हमारी बात होने लगी।एक दिन मेरी बहन को एक बात पता चली, जो थोड़ी पुरानी थी । कि किसी ने किसी की फोन चुरा लिया था । और फस गया कोई और।पर चोर वही थी जिसके ऊपर मैं यह कहानी लिख रहा हूँ। क्यूकि मेरी बहन ने ठीक वैसी ही फोन , जो चोरी हुआ था,वैसा ही फोन उसके घर में देखा था।पर हमे क्या था, जिसके घर से चोरा हुई थी,उसकी सगी दोस्त थी यह।

पर आप सभी को यह बताना चाहता हूँ मै कि,
ऐसे दोस्तों से सतर्क रहे,वर्ना डसेंगे बार-बार और कहेंगी कि हमने कुछ भी नहीं किया।

सतर्क रहे,वर्ना हम चोर नहीं है-
यह कहना सभी को आता है।.....🙂🙂

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